Thursday, February 1, 2018

मूकनायक़ साप्ताहिक 31 जनवरी 1920

मूकनायक़ साप्ताहिक 31 जनवरी 1920
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छत्रपति शाहू महाराज ने डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर का “ मूकनायक़ “ शूरु करने में सहायता की । माणगाँव (काग़ल) महाराष्ट्र में डॉक्टर अंबेडकर की अध्यक्षता में ‘ दक्खन बहिकृत ‘ समाज की बैठक हुई, शाहूजी विशेष अतिथि थे । उसमें शाहूजी ने कहा ;
“ हमें बड़बोले नेता नही चाहिए, अपने कर्म से जाति भेद तोड़कर हमें मनुष्यता से व्यवहार करने वाले नेता चाहिये। डॉ .अंबेडकर तो विद्वानो में एक अलंकार है। आप ने अपना नेता खोज लिया है, इस कारण मैं तुम्हारा अंतकरण से अभिवादन करता हुँ । आप लोगों को उनका आभारी होना चाहिए ।
मेरा यह मानना है की अंबेडकर तुम्हारा उद्दार करने से चूकेंगे नही ।इतना ही नही एक समय आयेगा की वह सम्पूर्ण हिदूस्थान नेता होगे ।”
आख़िर में शाहू महाराज ने बाबासाहेब को रेशमी पगड़ी भेंट की  व प्रेमपूर्वक आनंद से उनके सिर पर पहनाई । इस सन्मान से बाबासाहेब की आँखें छलक उठी  ,उन्होंने कहा “ छत्रपति ने सन्मान की पगड़ी मेरे सिर पर पहनाई है उसका में सदैव मान रखूँगा"
और सही मैं बाबासाहेब अंबेडकर ने पगड़ी का सन्मान ताउम्र बहूजनो की सेवा करते हुवे रखा ।उनका कार्य इतिहास में स्वर्ण अक्षरों लिखा भरा पड़ा है ।