सामाजिक परिवर्तन का कार्य आसान नहीं है! यह एक दुःखदायी प्रक्रिया (Painfull Process )है! जिस प्रकार यदि किसी स्त्री को संतान चाहिए तो उसे प्रसुति की वेदना सहनी पड़ेगी! इन वेदनाओ को सहे बगैर वह माँ नहीं बन सकती है! उसी प्रकार हमें सामाजिक परिवर्तन चाहिए तो हमें परिवर्तन की प्रक्रिया के कष्ट झेलने ही होंगे! इन कष्टो और मुसीबतो को सहे बगैर हम परिवर्तन नहीं ला सकते! आज के वातावरण मैं हमारे देश मे सामाजिक परिवर्तन की बात करना आसान नहीं है! यह हिम्मत (Guts) और साहस (Courage ) का कार्य है! जो लोग हिम्मत और साहस दिखा सकेंगे, वे ही यह कार्य कर सकेंगे! !!!!
मा डी के खापडेॅ (संस्थापक सदस्य बामसेफ )
जागो बहुजन !!!!जय मुलनिवासी! !!!
No comments:
Post a Comment